Sunday, 8 January 2012

शायर हुआ मस्ताना

शायर हुआ मस्ताना


एक शादीशुदा शायर की मुलाकात अपनी पुरानी गर्लफ्रेंड से हुई। शायर ने कहा- मुलाहिजा फरमाएँ : ये चाँद तारे अब अच्छे नहीं लगते, रोज-रोज के बहाने अब अच्छे नहीं लगते। खुदा करे इस साल हो जाए आपकी शादी, क्योंकि अब आप कुँवारे अच्छे नहीं लगते।


गर्लफ्रेंड ने कहा- वाह वा..! वाह वा…! क्या आप करेंगे मुझसे शादी।


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मस्ती में मिला धोखा


युवक : स्त्री धोखा है.


युवती : और आदमी किसी न किसी धोखे में पड़ता ही रहता है.

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