शायर हुआ मस्ताना
एक शादीशुदा शायर की मुलाकात अपनी पुरानी गर्लफ्रेंड से हुई। शायर ने कहा- मुलाहिजा फरमाएँ : ये चाँद तारे अब अच्छे नहीं लगते, रोज-रोज के बहाने अब अच्छे नहीं लगते। खुदा करे इस साल हो जाए आपकी शादी, क्योंकि अब आप कुँवारे अच्छे नहीं लगते।
गर्लफ्रेंड ने कहा- वाह वा..! वाह वा…! क्या आप करेंगे मुझसे शादी।
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मस्ती में मिला धोखा
युवक : स्त्री धोखा है.
युवती : और आदमी किसी न किसी धोखे में पड़ता ही रहता है.
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